CBSE 2025 का बड़ा बदलाव: अब 10वीं-12वीं के छात्र सबसे पहले देख पाएंगे अपनी Answer Sheet की कॉपी!

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सीबीएसई का 2025 से नया नियम: अब पहले देखें अपनी आंसर शीट की फोटोकॉपी

सीबीएसई (CBSE) बोर्ड ने वर्ष 2025 से 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए पोस्ट-रिजल्ट प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। इस नए नियम से लाखों छात्रों को राहत मिलेगी और पारदर्शिता बढ़ेगी।

नियम में क्या बदलाव हुआ है?

पहले, छात्रों को अपने अंकों के सत्यापन (Marks Verification) के लिए आवेदन करना पड़ता था। इसके बाद ही वे अपनी चेक की हुई आंसर शीट (Evaluated Answer Sheet) की कॉपी मांग सकते थे। अब, नए नियम के तहत, छात्र सबसे पहले अपनी चेक की हुई आंसर शीट की फोटोकॉपी देख पाएंगे। अपनी कॉपी देखने के बाद ही वे यह तय कर सकेंगे कि उन्हें अंकों के सत्यापन (Marks Verification) या पुनर्मूल्यांकन (Re-evaluation) के लिए आवेदन करने की आवश्यकता है या नहीं।

इस बदलाव का उद्देश्य और फायदे:

  • पारदर्शिता: छात्र खुद देख सकेंगे कि उनकी कॉपी कैसे जांची गई है।
  • संतुष्टि: अंक कम आने पर छात्र खुद जांच कर सकेंगे कि गलती कहां हुई है।
  • गलती सुधारने का मौका: यदि कोई प्रश्न छूट गया है या अंकों के योग में गलती है, तो उसे सुधारा जा सकेगा।
  • समय और पैसे की बचत: अनावश्यक रूप से री-चेकिंग या री-इवैल्यूएशन के लिए आवेदन करने से बचा जा सकेगा।
  • छात्र सशक्तिकरण: छात्र खुद अपनी कॉपी देखकर सही निर्णय ले पाएंगे।

नई प्रक्रिया कैसे काम करेगी (चरण-दर-चरण):

  1. रिजल्ट के बाद आवेदन: सीबीएसई बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद, छात्र सबसे पहले अपनी आंसर शीट की फोटोकॉपी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
  2. ऑनलाइन आवेदन: छात्रों को सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रोल नंबर, जन्म तिथि, स्कूल नंबर आदि विवरण भरकर आवेदन करना होगा।
  3. फीस का भुगतान: फोटोकॉपी प्राप्त करने के लिए निर्धारित शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करना होगा।
  4. फोटोकॉपी की उपलब्धता: आंसर शीट की फोटोकॉपी छात्रों के लॉगिन अकाउंट में उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें परीक्षक या मूल्यांकनकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
  5. अगला कदम: फोटोकॉपी को ध्यान से देखने के बाद, यदि छात्र को लगता है कि अंकों में कोई त्रुटि है या कोई प्रश्न अनचेक रह गया है, तो वे अंकों के सत्यापन या पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं। छात्र चाहें तो दोनों के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।

मार्क्स वेरिफिकेशन और री-इवैल्यूएशन क्या है?

  • मार्क्स वेरिफिकेशन (अंकों का सत्यापन): इसमें केवल अंकों के योग की गलती, किसी अनचेक प्रश्न या कुल अंकों की गणना की त्रुटि की जांच होती है।
  • री-इवैल्यूएशन (पुनर्मूल्यांकन): इसमें छात्र किसी खास प्रश्न या प्रश्नों को दोबारा चेक करवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें उत्तर की गुणवत्ता और मार्किंग दोनों की दोबारा जांच की जाती है।

महत्वपूर्ण बातें:

  • यह नया नियम 2025 की बोर्ड परीक्षाओं से लागू होगा।
  • फोटोकॉपी प्राप्त करने के लिए फीस अनिवार्य होगी, जो प्रति विषय अलग-अलग हो सकती है।
  • केवल वही छात्र पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं जिन्होंने आंसर शीट की फोटोकॉपी प्राप्त की है।
  • पुनर्मूल्यांकन के बाद छात्रों के अंक बढ़ भी सकते हैं, घट भी सकते हैं या समान भी रह सकते हैं।
  • आवेदन की सटीक तारीखें और फीस से जुड़ी विस्तृत जानकारी सीबीएसई अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर रिजल्ट घोषित होने के बाद जारी करेगा।

सीबीएसई 10वीं 12वीं रिजल्ट 2025:

10वीं की परीक्षाएँ 15 फरवरी से 1 मार्च 2025 तक, और 12वीं की परीक्षाएँ 15 फरवरी से 4 अप्रैल 2025 तक आयोजित होंगी। रिजल्ट मई 2025 के दूसरे या तीसरे सप्ताह में आने की संभावना है। छात्र सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट (cbseresults.nic.in या results.cbse.nic.in) पर अपना रोल नंबर, जन्म तिथि और स्कूल नंबर दर्ज करके अपना परिणाम देख पाएंगे।

छात्रों के लिए सुझाव:

  • रिजल्ट के बाद सीबीएसई की ऑफिशियल वेबसाइट पर अपडेट्स पर नज़र रखें।
  • आवेदन की अंतिम तारीख का ध्यान रखें।
  • फोटोकॉपी मिलने पर उसे ध्यान से देखें और गलती होने पर ही अगला कदम उठाएं।

निष्कर्ष:

सीबीएसई का यह कदम छात्रों के हित में एक बड़ा फैसला है, जो मूल्यांकन प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और विश्वसनीयता लाएगा। छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे सभी आधिकारिक जानकारी के लिए केवल सीबीएसई की वेबसाइट पर ही भरोसा करें।

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