₹100 के नकली नोटों की पहचान: RBI के बताए 7 आसान तरीके!

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नकली 100 रुपये के नोट की पहचान - गहन सारांश

नकली 100 रुपये के नोटों की पहचान: एक गहन सारांश

आजकल बाजार में 100 रुपये के नकली नोटों का प्रचलन काफी बढ़ गया है, जिससे आम जनता को आर्थिक नुकसान हो रहा है और देश की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ रहा है। यह देखते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने असली और नकली नोटों की पहचान करने के लिए कुछ आसान और प्रभावी तरीके सुझाए हैं, जिन्हें अपनाकर कोई भी व्यक्ति नकली नोटों से बच सकता है।

नकली नोटों के आम दुष्प्रभाव

नकली नोटों के कारण व्यापारियों और आम जनता को सीधा आर्थिक नुकसान होता है। इससे बैंकिंग प्रणाली में अविश्वास पैदा होता है और अर्थव्यवस्था में अवैध धन का प्रवाह बढ़ता है, जिससे देश की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है। इसलिए हर नागरिक को नकली नोटों की पहचान की जानकारी होना अनिवार्य है।

₹100 के नकली नोट की पहचान कैसे करें?

असली नोट में कुछ विशेष सुरक्षा विशेषताएँ होती हैं, जो नकली नोटों में या तो अनुपस्थित होती हैं या खराब गुणवत्ता की होती हैं। इन विशेषताओं की जाँच करके नकली नोटों की पहचान की जा सकती है:

  • वॉटरमार्क: असली नोट में महात्मा गांधी की छवि और "100" अंक वॉटरमार्क के रूप में साफ दिखाई देते हैं।
  • वर्टिकल फ्लोरल बैंड: वॉटरमार्क के पास एक ऊर्ध्वाधर (vertical) फ्लोरल डिज़ाइन वाला बैंड होता है, जो नकली नोटों में अक्सर गायब या अस्पष्ट होता है।
  • सुरक्षा धागा (Security Thread): नोट पर एक सुरक्षा धागा होता है जिस पर "भारत" और "RBI" लिखा होता है। नोट को अलग-अलग एंगल से देखने पर इस धागे का रंग नीले और हरे रंग में बदलता है। नकली नोटों में यह धागा या तो नहीं होता या केवल छपाई होती है।
  • होलोग्राफिक स्ट्रिप: असली नोट में एक होलोग्राफिक स्ट्रिप होती है जो देखने के कोण बदलने पर रंग बदलती है। नकली नोटों में यह फीकी या स्थिर रहती है।
  • माइक्रोप्रिंटिंग: असली नोट में "RBI" और "100" जैसे छोटे अक्षर माइक्रोप्रिंटिंग के रूप में होते हैं, जिन्हें बिना लेंस के देखना मुश्किल होता है। नकली नोटों में यह या तो अनुपस्थित होती है या खराब छपी होती है।
  • स्पर्श से महसूस: असली नोट का कागज विशेष गुणवत्ता का होता है, जिस पर उभरे हुए अक्षर और चित्र महसूस होते हैं (जैसे महात्मा गांधी की छवि, अशोक स्तंभ)। नकली नोट पतले और चिकने होते हैं।
  • UV लाइट में जांच: असली नोट को पराबैंगनी (UV) प्रकाश में रखने पर कुछ विशेष चिन्ह चमकते हैं, जबकि नकली नोटों में यह प्रभाव नहीं दिखता।
  • रंग बदलने वाली इंक: असली नोट की कुछ इंक रंग बदलती है। नोट को थोड़ा झुकाने या घुमाने पर कुछ हिस्सों का रंग बदलता हुआ दिखाई देता है। नकली नोटों में रंग स्थिर रहता है।

नकली नोट पहचानने के लिए अतिरिक्त सुझाव

  • नोट को मोड़कर देखें; असली नोट की छपाई कभी नहीं मिटती।
  • सुरक्षा धागे को विभिन्न कोणों से देखें ताकि उसके रंग बदलने की पुष्टि हो सके।
  • नोट के किनारों और डिज़ाइन पर बारीकी से ध्यान दें; नकली नोटों में अक्सर छोटी-मोटी गलतियाँ होती हैं।
  • RBI और भारत के अक्षर साफ, स्पष्ट और बारीक होते हैं, जबकि नकली नोटों में वे मोटे या खराब छपे हो सकते हैं।

नकली नोटों से बचने के लिए सावधानियां

  • जब भी 100 रुपये का नोट प्राप्त करें, उसे हमेशा ध्यान से जांचें।
  • बड़े नोटों के साथ-साथ छोटे नोटों की भी पहचान करें।
  • यदि आपको किसी नोट पर संदेह हो, तो उसे स्वीकार न करें और तुरंत बैंक या पुलिस को सूचित करें।
  • खासकर व्यापारियों को नोट चेकर या UV लाइट का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

निष्कर्ष

100 रुपये के नकली नोटों के बढ़ते खतरे से बचने के लिए RBI द्वारा बताई गई सुरक्षा विशेषताओं को जानना और समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है। वॉटरमार्क, सुरक्षा धागा, होलोग्राफिक स्ट्रिप, माइक्रोप्रिंटिंग, UV लाइट जांच और स्पर्श से नोट की जांच करके आप नकली नोटों से बच सकते हैं। सतर्कता और जागरूकता ही इस समस्या का सबसे बड़ा समाधान है। हालांकि, नकली नोटों की गुणवत्ता समय के साथ बेहतर होती जा रही है, इसलिए हमेशा सावधानी बरतें और संदेह होने पर विशेषज्ञ की मदद लें।

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