अब पुराने वाहन नहीं चलेंगे: जानें सरकार की नई स्क्रैपिंग नीति के फायदे और नियम!

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वाहन स्क्रैपिंग नीति: एक विस्तृत सारांश

भारत सरकार ने वाहनों की बढ़ती संख्या, प्रदूषण और सड़क सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए एक नई 'वाहन स्क्रैपिंग नीति' लागू की है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य पुराने और अनुपयुक्त वाहनों को सड़कों से हटाना है, जिससे पर्यावरण सुरक्षित हो और दुर्घटनाओं में कमी आए।

नीति का अवलोकन

यह नीति 11 अप्रैल, 2025 से पूरे भारत में लागू होगी। इसके तहत, कुछ निश्चित आयु वर्ग के वाहनों का पंजीकरण रद्द किया जाएगा।

पॉलिसी का नाम वाहन स्क्रैपिंग नीति (Vehicle Scrapping Policy)
लागू तिथि 11 अप्रैल, 2025
लागू क्षेत्र पूरे भारत
मुख्य उद्देश्य प्रदूषण कम करना, सड़क सुरक्षा बढ़ाना, ईंधन दक्षता में सुधार

प्रभावित होने वाले वाहन

  • सरकारी वाहन: केंद्र और राज्य सरकारों, PSUs, नगर निगमों सहित सभी सरकारी संस्थानों के 15 साल से अधिक पुराने वाहनों का पंजीकरण स्वतः रद्द कर दिया जाएगा। रक्षा और विशेष उपयोग वाले सरकारी वाहनों को इसमें छूट मिलेगी।
  • निजी वाहन: 20 साल से अधिक पुराने निजी वाहन, यदि फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाते हैं या उनका पंजीकरण नवीनीकरण नहीं होता है, तो उन्हें स्क्रैप किया जाएगा। दिल्ली-NCR जैसे क्षेत्रों में डीजल वाहनों के लिए यह सीमा 10 साल और पेट्रोल वाहनों के लिए 15 साल है।

वाहन फिटनेस टेस्ट

वाहन की उपयुक्तता का निर्णय एक स्वचालित फिटनेस टेस्ट के आधार पर होगा, जिसमें निम्नलिखित मापदंडों की जांच की जाएगी:

  • प्रदूषण स्तर (Emission Test)
  • ब्रेकिंग सिस्टम
  • सुरक्षा उपकरण (सीट बेल्ट, लाइट्स)
  • चेसिस और इंजन नंबर की सत्यता

यदि कोई वाहन फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाता है, तो उसे "End-of-Life Vehicle" घोषित कर दिया जाएगा।

नीति के लाभ और प्रोत्साहन

इस नीति के कई लाभ और वाहन मालिकों के लिए प्रोत्साहन हैं:

  1. नए वाहन खरीदने पर छूट: पुराने वाहन को स्क्रैप करने पर नए वाहन की खरीद पर रोड टैक्स में 25% तक की छूट मिल सकती है।
  2. रजिस्ट्रेशन शुल्क माफी: नए वाहन के पंजीकरण पर शुल्क माफ किया जा सकता है।
  3. स्क्रैप वैल्यू: पुराने वाहन का स्क्रैप मूल्य (4-6% तक) मिलेगा।

इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता दी जाएगी और उनके लिए विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे।

स्क्रैपिंग प्रक्रिया

  1. आरटीओ (RTO) में वाहन का फिटनेस टेस्ट कराएं।
  2. यदि वाहन अनुपयुक्त पाया जाता है, तो उसे पंजीकृत स्क्रैपिंग सेंटर पर जमा करें।
  3. स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट प्राप्त करें।
  4. इस सर्टिफिकेट का उपयोग नया वाहन खरीदने पर मिलने वाले लाभों के लिए करें।

प्रभाव

  • पर्यावरण पर: पुराने वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण में कमी आएगी और ईंधन दक्षता बढ़ेगी।
  • आर्थिक: ऑटोमोबाइल सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा और स्क्रैपिंग उद्योग में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
  • सड़क सुरक्षा: खराब स्थिति वाले वाहनों को हटाने से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

वाहन मालिकों के लिए सुझाव

अपने वाहन का फिटनेस टेस्ट समय पर कराएं। यदि आपका वाहन इस नीति के तहत आता है, तो जल्द ही आवश्यक कदम उठाएं और स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट का उपयोग कर नए वाहन खरीदने पर मिलने वाले लाभों का फायदा उठाएं।

निष्कर्ष

यह योजना भारत सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक वास्तविक और महत्वपूर्ण पहल है। सभी संबंधित नियमों का पालन करना आवश्यक होगा।

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