
भारत में आशा (Accredited Social Health Activist) और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं को पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये महिलाएं स्वास्थ्य जागरूकता, बच्चों और महिलाओं की देखभाल, पोषण और शिक्षा का ध्यान रखती हैं। हाल ही में इनके मानदेय में वृद्धि की संभावना ने उनके जीवन में नई उम्मीदें जगाई हैं।
मानदेय वृद्धि की संभावना और महत्व
सरकार द्वारा आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाकर ₹10,500 करने पर विचार किया जा रहा है। यह कदम न केवल उनके आर्थिक हालात सुधारने में मदद करेगा, बल्कि उनके कार्यों को अधिक सम्मान देने का प्रतीक भी होगा। वर्तमान में आशा कार्यकर्ताओं को ₹2,000 से ₹8,000 और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ₹4,500 से ₹12,500 तक का मासिक मानदेय मिलता है, जो राज्यों के अनुसार भिन्न होता है। प्रस्तावित वृद्धि से उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, काम करने का उत्साह बढ़ेगा और उनके योगदान को मान्यता मिलेगी।
आशा कार्यकर्ता: भूमिका और महत्व
- आशा कार्यकर्ता समुदाय में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देती हैं।
- उनके मुख्य कार्यों में स्वास्थ्य जागरूकता फैलाना, गर्भवती महिलाओं की देखभाल करना, बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करना और परिवार नियोजन को बढ़ावा देना शामिल है।
- इन्हें उनके प्रदर्शन पर आधारित प्रोत्साहन मानदेय दिया जाता है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता: भूमिका और महत्व
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बच्चों और महिलाओं के पोषण और शिक्षा के लिए समर्पित होती हैं।
- वे आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पूर्व-विद्यालय शिक्षा प्रदान करती हैं और गर्भवती महिलाओं व बच्चों को पोषण संबंधी सहायता देती हैं।
- उनके कार्यों में टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच और समुदाय को सरकारी योजनाओं से जोड़ना शामिल है।
मानदेय वृद्धि का संभावित प्रभाव (सारांश तालिका)
पद | वर्तमान मानदेय (₹) | संभावित नया मानदेय (₹) |
आशा कार्यकर्ता | ₹2,000 – ₹8,000 | ₹10,500 |
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता | ₹4,500 – ₹12,500 | ₹10,500 |
आंगनवाड़ी सहायिका | ₹2,250 – ₹8,750 | वृद्धि संभावित |
मिनी-आंगनवाड़ी कार्यकर्ता | ₹3,500 – ₹6,500 | वृद्धि संभावित |
प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन | ₹250 – ₹1,000 | वृद्धि संभावित |
सरकार द्वारा उठाए गए कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले भी इन कार्यकर्ताओं के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं, जिनमें मानदेय में नियमित वृद्धि, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना जैसी मुफ्त बीमा योजनाएं और प्रदर्शन आधारित अतिरिक्त प्रोत्साहन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर इन कार्यकर्ताओं के वेतन में सुधार कर रही हैं, जैसे हरियाणा सरकार ने 10 साल से अधिक अनुभव वाले आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन ₹14,000 तक बढ़ाया है और पश्चिम बंगाल सरकार ने हाल ही में ₹750 की मासिक वृद्धि की घोषणा की है।
चुनौतियां और समाधान
चुनौतियां
- अपर्याप्त वेतन: वर्तमान वेतन कई बार न्यूनतम मजदूरी से भी कम होता है।
- काम का बोझ: इन महिलाओं पर अत्यधिक काम का दबाव होता है।
- सामाजिक सम्मान: इन्हें अक्सर सरकारी कर्मचारी जैसा दर्जा नहीं दिया जाता।
समाधान
- नियमित वेतन वृद्धि सुनिश्चित करना।
- काम के घंटों को सीमित करना और अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करना।
- इनके योगदान को पहचानने के लिए सामाजिक जागरूकता अभियान चलाना।
निष्कर्ष
आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में प्रस्तावित वृद्धि न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने का एक कदम है बल्कि उनके अमूल्य योगदान को सम्मान देने का प्रतीक भी है। यह निर्णय उन्हें समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति अधिक प्रेरित करेगा। हालांकि, अभी भी चुनौतियां बनी हुई हैं जिन्हें सरकार और समाज दोनों को मिलकर हल करना होगा ताकि उनके जीवन और कार्यशैली में वास्तविक सुधार आ सके।
डिस्क्लेमर: यह लेख संभावित मानदेय वृद्धि पर आधारित है। अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। पाठकों से अनुरोध है कि वे संबंधित सरकारी आदेशों या घोषणाओं की पुष्टि करें।