PM विश्वकर्मा योजना 2025: कारीगरों के लिए ट्रेनिंग, ₹3 लाख लोन और ₹15000 टूलकिट का लाभ!

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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का गहन सारांश

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी पहल है, जिसे 17 सितंबर 2023 को पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। यह योजना 2025 में भी नए अपडेट्स के साथ सक्रिय है।

इस योजना का लक्ष्य उन लोगों की मदद करना है जो पारंपरिक हुनर से अपना जीवन यापन करते हैं। इसके तहत कारीगरों को पहचान और प्रमाण पत्र दिया जाता है, साथ ही उन्हें कम ब्याज दर पर ऋण, आधुनिक टूलकिट, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और सबसे महत्वपूर्ण, कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। योजना में बढ़ई, सुनार, लोहार, कुम्हार, नाई, धोबी, दर्जी और खिलौना निर्माता सहित 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है।

अब तक लाखों लोगों ने आवेदन किया है और हजारों कारीगरों को प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता मिल चुकी है।

योजना का संक्षिप्त विवरण (Overview)

मुख्य बिंदु जानकारी
योजना का नाम प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना
शुरुआत 17 सितंबर 2023
वर्ष 2025 में भी सक्रिय
उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करना
लाभार्थी 30 लाख से अधिक कारीगर, 18 ट्रेड्स में
ऋण राशि पहली बार ₹1 लाख, दूसरी बार ₹2 लाख
ऋण ब्याज दर 5% प्रति वर्ष
प्रशिक्षण बेसिक: 6 दिन, एडवांस: 15 दिन
प्रशिक्षण स्टाइपेंड ₹500 प्रतिदिन
टूलकिट प्रोत्साहन ₹15,000 (ई-वाउचर)
कुल बजट ₹13,000 से ₹15,000 करोड़ (5 साल के लिए)
आवेदन की अंतिम तिथि 31 मार्च 2028
कवर किए गए ट्रेड्स बढ़ई, सुनार, लोहार, दर्जी, कुम्हार आदि (कुल 18 ट्रेड्स)
योजना की स्थिति चालू

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना क्या है?

यह भारत सरकार द्वारा पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई एक विशेष योजना है। इसका उद्देश्य उन लोगों को पहचान, आर्थिक सहायता और आधुनिक तकनीक से जोड़ना है जो पीढ़ियों से अपने पारंपरिक हुनर का उपयोग कर रहे हैं। योजना के तहत कारीगरों को पहचान पत्र, प्रमाण पत्र, कम ब्याज पर ऋण, कौशल प्रशिक्षण, टूलकिट, डिजिटल प्रोत्साहन और विपणन सहायता मिलती है।

योजना के प्रमुख लाभ:

  • आर्थिक सहायता: बिना किसी गारंटी के 5% की कम ब्याज दर पर ऋण।
  • कौशल प्रशिक्षण: बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग, जिसके लिए ₹500 प्रतिदिन का स्टाइपेंड दिया जाता है।
  • टूलकिट प्रोत्साहन: ₹15,000 का ई-वाउचर आधुनिक टूलकिट खरीदने के लिए।
  • डिजिटल प्रोत्साहन: डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए।
  • विपणन सहायता: अपने उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेचने का अवसर।
  • सरकारी पहचान: PM विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और ID कार्ड।

पीएम विश्वकर्मा योजना में प्रशिक्षण कब और कैसे मिलेगा?

प्रशिक्षण दो चरणों में दिया जाता है:

1. बेसिक प्रशिक्षण (Basic Training)

  • अवधि: 6 दिन (5 दिन कक्षा + 1 दिन मूल्यांकन)
  • समय: रोजाना 8 घंटे
  • स्थान: देशभर के 520 जिलों में 3,700 से अधिक प्रशिक्षण केंद्र
  • स्टाइपेंड: ₹500 प्रतिदिन (DBT के माध्यम से बैंक खाते में)
  • टूलकिट: प्रशिक्षण पूरा होने के बाद ₹15,000 का ई-वाउचर

इस चरण में योजना की जानकारी, ट्रेड से संबंधित नई तकनीकें और उपकरणों का उपयोग सिखाया जाता है। छठे दिन मूल्यांकन होता है, जिसमें सफल होने पर एडवांस प्रशिक्षण के लिए चुना जाता है।

2. एडवांस प्रशिक्षण (Advanced Training)

  • अवधि: 15 दिन या उससे अधिक (120 घंटे)
  • स्टाइपेंड: ₹500 प्रतिदिन
  • सामग्री: ट्रेड के अनुसार उन्नत कौशल, विपणन, डिजिटल उपकरण आदि।

प्रशिक्षण के लिए आवेदन कैसे करें?

  • ऑनलाइन आवेदन: आधिकारिक पोर्टल पर जाकर आवेदन करें।
  • आवश्यक दस्तावेज: आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो, ट्रेड का प्रमाण (यदि हो), मोबाइल नंबर।
  • चयन प्रक्रिया: आवेदन के बाद ग्राम पंचायत, जिला समिति और स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा सत्यापन।

प्रशिक्षण में क्या-क्या सिखाया जाता है?

  • योजना की विस्तृत जानकारी
  • ट्रेड से संबंधित नई तकनीक और टूल्स का उपयोग
  • डिजिटल लेन-देन और विपणन के तरीके
  • अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी
  • व्यावहारिक प्रशिक्षण और मूल्यांकन

पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पात्रता

  • आवेदक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • आवेदक एक पारंपरिक कारीगर/शिल्पकार होना चाहिए।
  • आवेदक किसी सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए।
  • एक परिवार से केवल एक सदस्य ही इस योजना का लाभ उठा सकता है।

पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए जरूरी दस्तावेज:

  • आधार कार्ड
  • बैंक पासबुक
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • मोबाइल नंबर
  • ट्रेड का प्रमाण (यदि उपलब्ध हो)

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कवर किए गए ट्रेड्स (व्यवसाय)

बढ़ई (Carpenter)
नाव बनाने वाले (Boat Maker)
लोहार (Blacksmith)
सुनार (Goldsmith)
दर्जी (Tailor)
कुम्हार (Potter)
नाई (Barber)
धोबी (Washerman)
खिलौना निर्माता (Toy Maker)
मछली जाल निर्माता (Fishing Net Maker)
मूर्तिकार (Sculptor)
राजमिस्त्री (Mason)
टोकरी/झाड़ू बनाने वाले (Basket/Mat/Broom Maker)
फूल माला बनाने वाले (Garland Maker)
ताला बनाने वाले (Locksmith)
हथौड़ा व टूल किट निर्माता (Hammer & Tool Kit Maker)
मोची (Cobbler)
आर्मर (Armourer)

पीएम विश्वकर्मा योजना के मुख्य फायदे

  • पहचान और सम्मान: सरकारी प्रमाण पत्र और ID कार्ड के माध्यम से।
  • आर्थिक मजबूती: बिना गारंटी के कम ब्याज दर पर ऋण।
  • तकनीकी उन्नयन: बेसिक और एडवांस प्रशिक्षण द्वारा।
  • आधुनिक उपकरण: ₹15,000 का टूलकिट ई-वाउचर।
  • डिजिटल समावेश: डिजिटल लेन-देन प्रोत्साहन।
  • विपणन सहायता: उत्पादों को बेचने के लिए मंच।

पीएम विश्वकर्मा योजना की प्रगति रिपोर्ट

  • 2.68 करोड़ से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।
  • लगभग 29.37 लाख कारीगरों का पंजीकरण पूरा हो चुका है।
  • 22 लाख से अधिक लोगों को प्रशिक्षण के लिए चुना गया है।
  • 11 लाख से अधिक कारीगरों ने बेसिक प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।

पीएम विश्वकर्मा योजना में आवेदन की प्रक्रिया (स्टेप-बाय-स्टेप)

  1. ऑनलाइन पंजीकरण: आधिकारिक पोर्टल पर जाएं, मोबाइल और आधार का सत्यापन करें।
  2. फॉर्म भरें: आवश्यक जानकारी और दस्तावेज अपलोड करें।
  3. सत्यापन: ग्राम पंचायत, जिला समिति और स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा आवेदन की जांच।
  4. प्रशिक्षण कॉल: चयनित आवेदकों को प्रशिक्षण के लिए कॉल लेटर मिलेगा।
  5. प्रशिक्षण में भाग लें: बेसिक प्रशिक्षण पूरा करें और मूल्यांकन दें।
  6. लाभ प्राप्त करें: टूलकिट, ऋण और अन्य लाभ प्राप्त करें।

पीएम विश्वकर्मा योजना से जुड़े सवाल-जवाब (FAQ)

  • Q1. PM Vishwakarma Yojana में कौन-कौन आवेदन कर सकता है?
    A1. 18 से 60 साल के पारंपरिक कारीगर, जो किसी सरकारी नौकरी में न हों।
  • Q2. ट्रेनिंग के लिए कितना स्टाइपेंड मिलता है?
    A2. बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग दोनों में ₹500 प्रतिदिन।
  • Q3. लोन कैसे मिलेगा?
    A3. ट्रेनिंग पूरी करने के बाद, बिना गारंटी के दो चरणों में लोन मिलेगा – पहले ₹1 लाख, फिर ₹2 लाख।
  • Q4. टूलकिट इंसेंटिव क्या है?
    A4. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ₹15,000 का ई-वाउचर टूलकिट के लिए मिलेगा।
  • Q5. ट्रेनिंग कहां होगी?
    A5. देशभर के 520 जिलों में 3,700 से अधिक ट्रेनिंग सेंटर पर।

पीएम विश्वकर्मा योजना का महत्व

यह योजना देश के उन लाखों कारीगरों के लिए एक वरदान है जो अपने पारंपरिक हुनर से समाज की सेवा करते हैं। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि वे आधुनिक तकनीक से भी जुड़ पाएंगे। सरकार का लक्ष्य इन कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाना है ताकि वे खुद का कारोबार बढ़ा सकें और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकें।

अस्वीकरण:

यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक वास्तविक और सक्रिय योजना है। इसमें आवेदन, प्रशिक्षण और अन्य लाभ पूरी तरह सरकारी प्रक्रिया के तहत मिलते हैं। किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बचें और केवल आधिकारिक पोर्टल या सरकारी माध्यम से ही आवेदन करें। योजना की शर्तें और लाभ समय-समय पर सरकार द्वारा बदले जा सकते हैं, इसलिए हमेशा नवीनतम अपडेट की जांच करें।

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