
भारत में 7 मई 2025 को गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा एक बड़े पैमाने पर नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य देश की सुरक्षा तैयारी और नागरिकों की आपातकालीन स्थितियों, विशेषकर हवाई हमलों, के लिए प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण करना है। यह 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद इतनी बड़ी स्केल पर होने वाला पहला अभ्यास है।
यह मॉक ड्रिल देशभर के 244 जिलों में होगी, जिसमें सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल होंगे। इसमें हवाई हमले वाले सायरन बजना, ब्लैकआउट, निकासी (evacuation) और कैमोफ्लाज जैसी गतिविधियां शामिल होंगी।
मुख्य गतिविधियां:
- एयर रेड सायरन: देशभर के कई शहरों में हवाई हमले के सायरन बजेंगे।
- क्रैश ब्लैकआउट्स: कुछ जगहों पर बिजली बंद की जाएगी ताकि रात के समय हवाई हमले से बचाव हो सके।
- इवैक्युएशन ड्रिल: लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का अभ्यास किया जाएगा।
- कैमोफ्लाज एक्सरसाइज: महत्वपूर्ण इमारतों, बिजली संयंत्रों और सैन्य प्रतिष्ठानों को छिपाने का अभ्यास।
- नागरिकों की ट्रेनिंग: स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में लोगों को बुनियादी प्राथमिक उपचार, आश्रय ढूंढना और घबराहट से बचना सिखाया जाएगा।
- संचार जांच: भारतीय वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो संचार की टेस्टिंग।
- कंट्रोल रूम की तैयारी: नियंत्रण कक्षों और शैडो कंट्रोल रूम की जांच।
कौन-कौन शामिल होगा:
- सिविल डिफेंस वार्डन
- होम गार्ड्स
- एनसीसी (नेशनल कैडेट कॉर्प्स)
- एनएसएस (नेशनल सर्विस स्कीम)
- एनवाईकेएस (नेहरू युवा केंद्र संगठन)
- स्कूल और कॉलेज के छात्र
- स्थानीय प्रशासन
- पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां
- आम नागरिक
मॉक ड्रिल का महत्व और उद्देश्य:
- सार्वजनिक सुरक्षा: नागरिकों को किसी भी आपात स्थिति में सही तरीके से प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार करना।
- सिस्टम की टेस्टिंग: एयर रेड सायरन, नियंत्रण कक्ष, संचार प्रणाली और निकासी योजनाओं की जांच करना।
- जागरूकता बढ़ाना: आम लोगों को सिखाना कि संकट के समय कैसे शांत रहें और क्या करें।
- सुरक्षा एजेंसियों की तैयारी: पुलिस, होम गार्ड, सिविल डिफेंस और अन्य एजेंसियों के बीच समन्वय की जांच।
- हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़ी सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर तैयारी मजबूत करना।
नागरिकों को क्या करना चाहिए:
- शांत रहें और अफवाहों से बचें।
- सरकारी निर्देशों का पालन करें।
- टॉर्च, पानी और दवाइयां जैसे आवश्यक सामान पास रखें।
- सायरन बजने पर नजदीकी सुरक्षित जगह या शेल्टर में जाएं।
- बिजली या इंटरनेट बंद होने पर घबराएं नहीं, यह केवल अभ्यास है।
- रेडियो या सरकारी चैनल से अपडेट लेते रहें।
निष्कर्ष:
यह मॉक ड्रिल पूरी तरह से एक अभ्यास है और इसका उद्देश्य केवल नागरिकों और सिस्टम की तैयारी को परखना है। इससे घबराने या पैनिक करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह कोई वास्तविक युद्ध या हमला नहीं है, बल्कि देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल है। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे सरकारी निर्देशों का पालन करें और अफवाहों से बचें, क्योंकि यह देश को किसी भी आपात स्थिति के लिए बेहतर ढंग से तैयार करने का एक बड़ा कदम है।