
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री: 5 बड़ी गलतियाँ जिनसे आपको बचना चाहिए
घर या जमीन खरीदना हर किसी का सपना होता है और इसके लिए लोग अपनी पूरी जमा-पूंजी लगा देते हैं। प्रॉपर्टी रजिस्ट्री एक बेहद महत्वपूर्ण प्रक्रिया है क्योंकि इसी दिन जमीन या मकान का मालिकाना हक कानूनी रूप से आपके नाम होता है। इस प्रक्रिया के दौरान की गई छोटी-छोटी गलतियाँ भी भविष्य में बड़ा नुकसान कर सकती हैं, जिससे आपका हक खतरे में पड़ सकता है।
यह लेख आपको उन 5 बड़ी गलतियों के बारे में बताएगा जिनसे रजिस्ट्री के दिन पूरी तरह बचना चाहिए। ये बातें खरीदार और विक्रेता दोनों के लिए जानना ज़रूरी हैं ताकि उनकी संपत्ति सुरक्षित रहे और भविष्य में किसी कानूनी परेशानी से बचा जा सके।
प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन से जुड़ी ज़रूरी जानकारी
जानकारी | विवरण |
प्रक्रिया का नाम | प्रॉपर्टी रजिस्ट्री (Property Registration) |
मुख्य दस्तावेज | सेल डीड, पहचान पत्र, पते का प्रमाण |
रजिस्ट्री कहां होती है | सब-रजिस्ट्रार ऑफिस (Sub-Registrar Office) |
Stamp Duty क्या है | प्रॉपर्टी के मूल्य पर सरकार द्वारा ली जाने वाली फीस |
रजिस्ट्री का समय | आमतौर पर 9:30 AM से 6:00 PM तक |
गवाह कितने जरूरी हैं | कम से कम 2 गवाह जरूरी |
रजिस्ट्री के बाद दस्तावेज | 15 दिन में मिलते हैं (आमतौर पर) |
रजिस्ट्री का महत्व | कानूनी रूप से मालिकाना हक मिलना |
रजिस्ट्री के दिन इन 5 बड़ी गलतियों से बचें:
1. प्रॉपर्टी डिटेल्स में गलती
रजिस्ट्री के समय प्रॉपर्टी की सभी डिटेल्स (जैसे जमीन का एरिया, एड्रेस, खसरा नंबर, प्लॉट नंबर) बिल्कुल सही होनी चाहिए। सेल डीड में प्रॉपर्टी का विवरण पुराने दस्तावेजों से मिलान ज़रूर करें। एरिया में गड़बड़ी, नाम की स्पेलिंग में गलती या गलत लोकेशन दर्ज होने से भविष्य में विवाद या धोखाधड़ी हो सकती है। इन गलतियों को सुधारना बाद में मुश्किल (रेक्टिफिकेशन डीड की आवश्यकता) और महंगा होता है।
- सुझाव: रजिस्ट्री से पहले हर डिटेल को दो बार चेक करें और ज़रूरत होने पर वकील की मदद लें।
2. खरीदार और विक्रेता की जानकारी में गड़बड़ी
प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के दौरान खरीदार और विक्रेता दोनों की व्यक्तिगत जानकारी (नाम, पता, आदि) बिल्कुल सही होनी चाहिए। आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य पहचान पत्रों में दर्ज जानकारी ही सेल डीड में भी होनी चाहिए। अलग-अलग नामों या पतों से भविष्य में दिक्कतें आ सकती हैं।
- सुझाव: सभी पहचान पत्र और पुराने दस्तावेज़ साथ रखें और रजिस्ट्री से पहले मिलान करें।
3. ओरिजिनल डॉक्युमेंट्स की लिस्ट न लेना
रजिस्ट्री के बाद सभी ओरिजिनल डॉक्युमेंट्स की एक सही और व्यवस्थित लिस्ट प्राप्त करना बहुत ज़रूरी है। कई बार लोग बिना पूरी लिस्ट लिए चले जाते हैं, जिससे भविष्य में कोई भी महत्वपूर्ण दस्तावेज़ गुम हो सकता है। बैंक लोन लेने या प्रॉपर्टी बेचने के समय ये दस्तावेज़ अत्यंत आवश्यक होते हैं।
- सुझाव: रजिस्ट्री के समय ही ओरिजिनल डॉक्युमेंट्स की चेकलिस्ट बनाएँ और सभी डॉक्युमेंट्स की रिसीट ज़रूर लें।
4. स्टांप ड्यूटी या रजिस्ट्री फीस में गड़बड़ी
स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस प्रॉपर्टी के मार्केट वैल्यू या सरकार द्वारा निर्धारित गाइडेंस वैल्यू पर लगती है। कम स्टांप ड्यूटी देकर रजिस्ट्री करवाने की कोशिश करने से बाद में जुर्माना (पेनल्टी) लग सकता है या रजिस्ट्री रद्द हो सकती है। सरकार समय-समय पर गाइडेंस वैल्यू अपडेट करती है, इसलिए सही जानकारी प्राप्त करें और रजिस्ट्री से पहले ही सही फीस का भुगतान कर दें।
- सुझाव: सब-रजिस्ट्रार ऑफिस या कानूनी सलाहकार से सही फीस की जानकारी लें और सभी रसीदें संभालकर रखें।
5. डॉक्युमेंट्स की ठीक से जांच न करना
रजिस्ट्री के समय डॉक्यूमेंट समरी रिपोर्ट और सेल डीड को ध्यान से पढ़ना अत्यंत आवश्यक है। जल्दबाजी में डॉक्युमेंट्स पर हस्ताक्षर करने से बड़ी गलती हो सकती है, जिससे फर्जीवाड़े या धोखाधड़ी का खतरा बढ़ जाता है। किसी भी शब्द, नाम, एरिया, लोकेशन आदि में गलती होने पर तुरंत सुधार करवाएँ।
- सुझाव: बिना पढ़े या समझे कोई भी डॉक्युमेंट साइन न करें और वकील से डॉक्युमेंट्स की जांच ज़रूर करवाएँ।
अन्य ज़रूरी बातें जो रजिस्ट्री के दिन ध्यान रखें
- सभी ज़रूरी डॉक्युमेंट्स जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, सेल डीड, पुराना सेल डीड, आदि साथ रखें।
- रजिस्ट्री के लिए कम से कम दो गवाह ज़रूरी होते हैं, उनके पहचान पत्र भी साथ रखें।
- अगर प्रॉपर्टी की कीमत 50 लाख से ज़्यादा है तो 1% TDS काटना ज़रूरी है।
- रजिस्ट्री के बाद सभी डॉक्युमेंट्स की रिसीट ज़रूर लें।
- अगर बैंक लोन लिया है तो बैंक के प्रतिनिधि को भी रजिस्ट्री में बुलाएँ।
रजिस्ट्री के दिन की सबसे बड़ी गलतियां (सारांश)
गलती | नुकसान/रिस्क |
प्रॉपर्टी डिटेल्स में गलती | भविष्य में विवाद, कोर्ट केस, जमीन हाथ से जाना |
गलत पर्सनल जानकारी | डॉक्युमेंट्स अमान्य, कानूनी परेशानी |
डॉक्युमेंट्स की लिस्ट न लेना | ज़रूरी पेपर मिसिंग, लोन या बिक्री में दिक्कत |
स्टांप ड्यूटी की गड़बड़ी | पेनल्टी, रजिस्ट्री कैंसिल, कानूनी कार्रवाई |
डॉक्युमेंट्स बिना जांच साइन करना | फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी, भविष्य में नुकसान |
रजिस्ट्री के बाद गलती सुधारने का तरीका
अगर रजिस्ट्री के बाद किसी डॉक्युमेंट में गलती रह जाती है, तो घबराएँ नहीं। इसके लिए रेक्टिफिकेशन डीड (सुधार पत्र) बनाया जा सकता है। इसके ज़रिए छोटी-छोटी गलतियों को सुधारा जा सकता है। इसके लिए सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में आवेदन करना होता है और मामूली फीस देनी होती है। हालांकि, बार-बार गलती सुधारना सही नहीं है, इसलिए पहली बार में ही सावधानी बरतें।
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री से जुड़े ज़रूरी टिप्स
- रजिस्ट्री से पहले पूरी ड्यू डिलिजेंस करें – विक्रेता की ओनरशिप, एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट, म्यूटेशन आदि चेक करें।
- प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू और गाइडेंस वैल्यू ज़रूर पता करें।
- सभी डॉक्युमेंट्स की फोटोकॉपी और स्कैन कॉपी सुरक्षित रखें।
- ऐसे गवाह चुनें जो भरोसेमंद हों और पूरे समय आपके साथ रहें।
- रजिस्ट्री के बाद सभी डॉक्युमेंट्स को बैंक लॉकर या सुरक्षित जगह पर रखें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1: क्या बिना रजिस्ट्री के प्रॉपर्टी का मालिकाना हक मिल जाता है?
नहीं, जब तक रजिस्ट्री नहीं होती, प्रॉपर्टी का कानूनी मालिकाना हक नहीं मिलता।
Q2: रजिस्ट्री के कितने दिन बाद डॉक्युमेंट्स मिलते हैं?
आमतौर पर 15 दिन में मिल जाते हैं।
Q3: अगर रजिस्ट्री के बाद गलती मिलती है तो क्या करें?
रेक्टिफिकेशन डीड के ज़रिए गलती सुधारी जा सकती है।
Q4: क्या रजिस्ट्री के लिए वकील ज़रूरी है?
ज़रूरी तो नहीं, लेकिन वकील से डॉक्युमेंट्स की जांच करवाना सुरक्षित है।
Q5: Stamp Duty कैसे तय होती है?
प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू या सरकार द्वारा तय गाइडेंस वैल्यू पर।
निष्कर्ष
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रक्रिया है। रजिस्ट्री के दिन की जाने वाली छोटी-छोटी गलतियाँ आपके सपनों की ज़मीन या घर को खतरे में डाल सकती हैं। इसलिए, ऊपर बताई गई 5 बड़ी गलतियों से ज़रूर बचें। हर डॉक्युमेंट को ध्यान से पढ़ें, सभी फीस सही से जमा करें, विक्रेता-खरीदार की जानकारी सही दर्ज करें, और ओरिजिनल डॉक्युमेंट्स की सही लिस्ट लें। इन बातों का ध्यान रखने से आपकी ज़मीन हमेशा सुरक्षित रहेगी और भविष्य में किसी भी कानूनी परेशानी से बच सकेंगे।
अस्वीकरण
यह आर्टिकल केवल जानकारी के लिए है। प्रॉपर्टी रजिस्ट्री एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसमें छोटी सी गलती भी बड़ा नुकसान कर सकती है। इसलिए, रजिस्ट्री के समय किसी भी संदेह या भ्रम में तुरंत वकील या विशेषज्ञ से सलाह लें। यह कोई सरकारी योजना नहीं है, बल्कि प्रॉपर्टी खरीदते समय ध्यान रखने वाली ज़रूरी बातें हैं।