
UPI नियमों में बड़े बदलाव: 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे नए नियम
भारत में डिजिटल भुगतान को सरल बनाने वाले UPI (Unified Payments Interface) में 1 अप्रैल 2025 से महत्वपूर्ण बदलाव लागू होने जा रहे हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने इन नियमों को UPI ट्रांजेक्शन को और अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से लागू करने का निर्णय लिया है। इन बदलावों का सीधा असर उन उपयोगकर्ताओं पर पड़ेगा जिनके बैंक खाते से जुड़े मोबाइल नंबर लंबे समय से इनएक्टिव हैं या जिन्हें अपडेट नहीं किया गया है।
UPI के नए नियम क्या हैं?
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले UPI के नए नियमों का मुख्य उद्देश्य डिजिटल भुगतान को सुरक्षित बनाना और धोखाधड़ी को रोकना है। NPCI ने बैंकों और UPI ऐप्स को अपने सिस्टम को नियमित रूप से अपडेट करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य बिंदु:
- इनएक्टिव मोबाइल नंबर हटाए जाएंगे: लंबे समय तक उपयोग में न आने वाले मोबाइल नंबरों को UPI सिस्टम से हटा दिया जाएगा।
- सुरक्षा बढ़ाने के उपाय: पुराने या बंद मोबाइल नंबरों के कारण होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
- मोबाइल नंबर अपडेट अनिवार्य: यदि आपका मोबाइल नंबर बैंक खाते से जुड़ा नहीं है या बंद हो चुका है, तो आपको इसे तुरंत अपडेट करना होगा।
- सप्ताहिक डेटा अपडेट: बैंकों और UPI ऐप्स को हर सप्ताह मोबाइल नंबरों की जानकारी अपडेट करनी होगी।
- सहमति लेना अनिवार्य: मोबाइल नंबर अपडेट करने के लिए उपयोगकर्ता की सहमति आवश्यक होगी।
- विवाद समाधान प्रक्रिया: चार्जबैक और विवाद निपटान प्रक्रिया तेज की जाएगी।
- विशेष कैरेक्टर प्रतिबंध: UPI ID में केवल अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर (A-Z, 0-9) ही मान्य होंगे। इनएक्टिव नंबरों से जुड़े UPI ID ऑटोमैटिकली डिलीट कर दी जाएंगी।
क्यों किए गए ये बदलाव?
इन नियमों का मुख्य उद्देश्य UPI ट्रांजेक्शन को अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बनाना है। इसके पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं:
- लोग अक्सर अपना मोबाइल नंबर बदल लेते हैं, लेकिन उसे बैंक खाते या UPI ऐप्स में अपडेट नहीं करते।
- टेलीकॉम कंपनियां पुराने बंद नंबर किसी अन्य व्यक्ति को पुनः जारी कर देती हैं, जिससे धोखाधड़ी का खतरा बढ़ जाता है।
- इनएक्टिव नंबर सिस्टम में तकनीकी समस्याएं पैदा करते हैं।
NPCI ने इन समस्याओं को देखते हुए यह कदम उठाया है ताकि धोखाधड़ी कम हो, सिस्टम अधिक प्रभावी और सटीक हो, और उपभोक्ताओं का अनुभव बेहतर हो।
आपको क्या करना चाहिए?
1 अप्रैल 2025 से पहले, अपनी UPI सेवाओं को बाधित होने से बचाने के लिए निम्नलिखित कार्य अवश्य करें:
- अपना मोबाइल नंबर अपडेट करें: यदि आपने अपना पुराना मोबाइल नंबर बदल दिया है, तो तुरंत बैंक खाते और सभी UPI ऐप्स (जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm) में नया नंबर रजिस्टर करें।
- नंबर एक्टिव रखें: सुनिश्चित करें कि आपका रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर सक्रिय (Active) हो।
- UPI ID चेक करें: अपनी UPI ID में कोई विशेष कैरेक्टर (@, #, $, *) न हो; यदि हो, तो इसे तुरंत अपडेट करें।
- सहमति दें: यदि आपके पास किसी भी प्रकार का अनुरोध आता है (जैसे मोबाइल नंबर अपडेट करने का), तो उसे स्वीकार करें।
नए नियमों का उपभोक्ताओं पर प्रभाव
सकारात्मक प्रभाव:
- सुरक्षा में वृद्धि: इनएक्टिव नंबर हटाने और एडवांस वेरिफिकेशन लागू होने से धोखाधड़ी कम होगी।
- तेजी से विवाद समाधान: चार्जबैक प्रक्रिया स्वचालित होने से उपभोक्ताओं को जल्दी समाधान मिलेगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों के लिए फायदेमंद: बिना इंटरनेट वाले लेनदेन की सीमा बढ़ने से ग्रामीण इलाकों में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा।
नकारात्मक प्रभाव:
- यदि आपने अपना मोबाइल नंबर समय पर अपडेट नहीं किया, तो आपकी UPI सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
- कुछ उपयोगकर्ताओं को नए नियम समझने और उनका पालन करने में दिक्कत हो सकती है।
निष्कर्ष
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले ये नए नियम डिजिटल भुगतान प्रणाली को अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। यह बदलाव कुछ लोगों के लिए प्रारंभिक असुविधा का कारण बन सकता है, लेकिन लंबे समय में यह सभी उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद साबित होगा। आपको सलाह दी जाती है कि अपने बैंक खाते से जुड़े सभी विवरण समय पर अपडेट करें ताकि आपकी UPI सेवाएं बाधित न हों। डिजिटल भुगतान की इस नई प्रणाली का लाभ उठाने के लिए सतर्क रहें और NPCI द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करें।
अस्वीकरण:
यह लेख NPCI द्वारा घोषित नियमों पर आधारित जानकारी प्रदान करता है। कृपया अपने बैंक या संबंधित सेवा प्रदाता से संपर्क करके विस्तृत और नवीनतम जानकारी प्राप्त करें।