
भारतीय बैंकिंग प्रणाली में नए नियम: 1 अप्रैल 2025 से
भारतीय बैंकिंग प्रणाली में 1 अप्रैल 2025 से कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू होने जा रहे हैं, जो सीधे तौर पर बैंक खाता धारकों को प्रभावित करेंगे। इन नए नियमों का उद्देश्य बैंकिंग अनुभव को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और कुशल बनाना है।
मुख्य बदलाव:
ये बदलाव ATM से पैसे निकालने, न्यूनतम बैलेंस, UPI ट्रांजैक्शन, TDS और डिजिटल बैंकिंग सुरक्षा जैसे विभिन्न पहलुओं को कवर करते हैं।
1. न्यूनतम बैलेंस सीमा में वृद्धि
सेविंग अकाउंट्स के लिए न्यूनतम बैलेंस की सीमा बढ़ाई जाएगी:
- शहरी क्षेत्रों में: ₹3000 से बढ़कर ₹5000 हो सकता है।
- अर्ध-शहरी क्षेत्रों में: ₹2000 से बढ़कर ₹3000 हो सकता है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में: ₹1000 से बढ़कर ₹1500 हो सकता है।
2. ATM निकासी शुल्क में बदलाव
दूसरे बैंकों के ATM से मुफ्त निकासी की संख्या सीमित होगी:
- ग्राहक अब केवल तीन बार ही दूसरे बैंकों के ATM से मुफ्त निकासी कर सकेंगे।
- इसके बाद, प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर ₹20 से ₹25 तक का शुल्क लगेगा।
3. UPI ट्रांजैक्शन पर नए नियम
UPI (Unified Payments Interface) लेनदेन पर कुछ नई शर्तें लागू होंगी:
- कुछ बैंकों ने UPI ट्रांजैक्शन के लिए ऊपरी सीमाएं निर्धारित की हैं।
- बड़े लेनदेन के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे।
4. TDS (स्रोत पर कर कटौती) नियमों में संशोधन
बैंक खाते में जमा राशि पर TDS कटौती के नियम बदलेंगे:
- यदि आपके खाते में एक वित्तीय वर्ष में ₹40,000 से अधिक का ब्याज अर्जित होता है, तो उस पर TDS की कटौती होगी।
- इसके लिए आपको अपने पैन कार्ड की जानकारी बैंक को उपलब्ध करानी होगी।
5. डिजिटल बैंकिंग सुरक्षा उपाय
डिजिटल लेनदेन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए नए उपाय लागू किए जाएंगे:
- ग्राहकों को ऑनलाइन लेनदेन के लिए अतिरिक्त सुरक्षा प्रोटोकॉल अपनाने होंगे।
- OTP (वन टाइम पासवर्ड) और दो-चरणीय प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा।
6. चेक पेमेंट सिस्टम में पॉजिटिव पे अनिवार्य
चेक पेमेंट्स को सुरक्षित बनाने और धोखाधड़ी रोकने के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम अनिवार्य होगा:
- ₹50,000 या उससे अधिक की चेक पेमेंट्स के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम का उपयोग करना अनिवार्य होगा।
ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव:
इन बदलावों के अनुरूप ढलने के लिए ग्राहकों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- अपने बैंक खाते में हमेशा पर्याप्त न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें।
- ATM निकासी की सीमाओं और शुल्कों का ध्यान रखें।
- डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का अधिक से अधिक उपयोग करें।
- अपने KYC (नो योर कस्टमर) विवरण को समय पर अपडेट करें।
- बड़े लेनदेन के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम का उपयोग करते हुए चेक का इस्तेमाल करें।
निष्कर्ष
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले ये नए नियम भारतीय बैंकिंग प्रणाली को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और ग्राहक-केंद्रित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। हालांकि शुरुआत में ग्राहकों को कुछ समायोजन करने पड़ सकते हैं, लेकिन लंबे समय में ये बदलाव बैंकिंग अनुभव को बेहतर बनाएंगे। सभी ग्राहकों को इन नए नियमों के बारे में जागरूक रहना चाहिए और अपनी बैंकिंग आदतों को इनके अनुरूप ढालना चाहिए।
यह जानकारी केवल सामान्य उद्देश्यों के लिए है। सटीक और नवीनतम विवरणों के लिए कृपया संबंधित बैंक या आधिकारिक सरकारी वेबसाइटों से पुष्टि करें।