
पीएम विश्वकर्मा योजना: एक विस्तृत सारांश
भारत सरकार ने छोटे कारीगरों और शिल्पकारों को बढ़ावा देने के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की है। यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसका मुख्य उद्देश्य पारंपरिक काम करने वाले लोगों को आर्थिक मदद, ट्रेनिंग और नए उपकरण खरीदने के लिए सहायता प्रदान करना है।
योजना का उद्देश्य
- पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों (जैसे बढ़ई, लोहार, कुम्हार, दर्जी आदि) को समर्थन देना।
- उनके कौशल को बढ़ाना और उन्हें आधुनिक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाना।
- उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और देश के विकास में योगदान करने में सक्षम बनाना।
मुख्य विशेषताएं और लाभ
- वित्तीय सहायता: कारीगरों को ₹3 लाख तक का लोन मिलेगा। यह लोन दो चरणों में दिया जाएगा: पहला चरण ₹1 लाख, दूसरा चरण ₹2 लाख।
- कम ब्याज दर: लोन पर ब्याज दर केवल 5% होगी।
- कौशल विकास: कारीगरों को उनके काम को बेहतर बनाने के लिए ट्रेनिंग मिलेगी। इसमें 5 दिन की बेसिक ट्रेनिंग और 15 दिन की एडवांस ट्रेनिंग शामिल है।
- वजीफा: ट्रेनिंग के दौरान कारीगरों को प्रतिदिन ₹500 का वजीफा मिलेगा।
- नए उपकरण: नए उपकरण खरीदने के लिए आर्थिक मदद मिलेगी।
- पहचान: कारीगरों को 'विश्वकर्मा पहचान पत्र' और 'ई-प्रमाणपत्र' मिलेगा।
- बाजार संपर्क: कारीगरों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए बाजार तक पहुंच मिलेगी।
पात्रता मानदंड
- आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
- आवेदक की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- आवेदक 18 पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक में काम करता हुआ होना चाहिए।
- परिवार का कोई एक ही सदस्य इस योजना का लाभ उठा सकता है।
- आवेदक ने पिछले 5 वर्षों में समान योजना के तहत केंद्र या राज्य सरकार से कोई ऋण नहीं लिया होना चाहिए।
शामिल व्यवसाय
इस योजना में 18 पारंपरिक व्यवसाय शामिल हैं, जिनमें बढ़ई, लोहार, कुम्हार, दर्जी, मोची, नाई, सुनार, राजमिस्त्री, धोबी, मूर्तिकार, माला बनाने वाला आदि प्रमुख हैं।
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर (आधार से लिंक)
- बैंक खाते की जानकारी
- राशन कार्ड (यदि उपलब्ध हो)
आवेदन प्रक्रिया
पीएम विश्वकर्मा योजना में रजिस्ट्रेशन करने के लिए आवेदक को अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाना होगा। CSC एजेंट जरूरी दस्तावेजों की मदद से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने में सहायता करेंगे। रजिस्ट्रेशन मुफ्त है और इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।
चयन प्रक्रिया
- ग्राम पंचायत या शहरी स्थानीय निकाय (ULB) स्तर पर सत्यापन।
- जिला कार्यान्वयन समिति (DIC) द्वारा सत्यापन।
- स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा अंतिम अनुमोदन।
निष्कर्ष
पीएम विश्वकर्मा योजना भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने, उनके कौशल को उन्नत करने और उन्हें आधुनिक बाजार की चुनौतियों का सामना करने में मदद करने का लक्ष्य रखती है। यह योजना कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने और देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान देने के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करती है।