बैंक लॉकर के नए नियम: चोरी या नुकसान होने पर कितना मिलेगा मुआवजा? जानें पूरी जानकारी

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बैंक लॉकर मुआवजा नियम: एक विस्तृत सारांश

आजकल लोग अपने कीमती सामान और दस्तावेज़ घर की बजाय बैंक लॉकर में रखना अधिक सुरक्षित मानते हैं। हालांकि, लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि अगर लॉकर में रखा सामान चोरी हो जाए या किसी दुर्घटना में नष्ट हो जाए, तो बैंक की क्या जिम्मेदारी होती है और कितना मुआवजा मिलता है। यह लेख बैंक लॉकर से जुड़े नए नियमों, मुआवजे की प्रक्रिया और जरूरी सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करता है, जो 1 जनवरी 2022 से RBI के नए नियमों के तहत लागू हैं।

बैंक की जिम्मेदारी और मुआवजे की सीमा

बैंक लॉकर में रखे सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी बैंक की होती है। यदि बैंक की लापरवाही, सुरक्षा में चूक, चोरी, डकैती, आग लगने या बैंक की बिल्डिंग गिरने जैसी घटनाओं के कारण लॉकर में रखा सामान नष्ट या चोरी हो जाता है, तो बैंक ग्राहक को मुआवजा देने के लिए जिम्मेदार है।

हालांकि, मुआवजे की राशि सीमित होती है। ग्राहक को मिलने वाला अधिकतम मुआवजा उसके लॉकर के सालाना किराए का 100 गुना तक ही सीमित है। उदाहरण के लिए, यदि आपके लॉकर का सालाना किराया 2,000 रुपये है, तो आपको अधिकतम 2 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा, भले ही आपके सामान की वास्तविक कीमत इससे अधिक हो। यदि किराया 3,000 रुपये है, तो अधिकतम 3 लाख रुपये का मुआवजा मिल सकता है।

किन मामलों में मुआवजा मिलेगा और किनमें नहीं?

  • मुआवजा मिलेगा: चोरी, डकैती, आगजनी, बैंक की बिल्डिंग का गिरना, या बैंक कर्मचारियों की धोखाधड़ी/लापरवाही के कारण हुए नुकसान में बैंक मुआवजा देने के लिए बाध्य है।
  • मुआवजा नहीं मिलेगा: प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़, तूफान, बिजली गिरने आदि के कारण हुए नुकसान में बैंक जिम्मेदार नहीं होता है और कोई मुआवजा नहीं देता। इन मामलों में ग्राहक को स्वयं नुकसान उठाना पड़ता है।

मुआवजा पाने की प्रक्रिया

यदि लॉकर में रखे सामान को नुकसान होता है, तो मुआवजे के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होगा:

  1. घटना होते ही तुरंत बैंक को लिखित सूचना दें।
  2. नजदीकी पुलिस थाने में एफआईआर (FIR) दर्ज करवाएं।
  3. बैंक द्वारा प्रदान किया गया क्लेम फॉर्म और शपथ पत्र भरें।
  4. लॉकर में रखे सामान का विस्तृत विवरण दें।
  5. बैंक द्वारा जांच की जाएगी, जिसके बाद उचित मुआवजा राशि ग्राहक के खाते में ट्रांसफर की जाएगी।

लॉकर में क्या रख सकते हैं और क्या नहीं?

  • रख सकते हैं: गहने, सोने-चांदी के सिक्के, कीमती दस्तावेज़ (जैसे वसीयत, प्रॉपर्टी पेपर्स, शेयर सर्टिफिकेट)।
  • नहीं रख सकते: आरबीआई के नियमों के अनुसार, लॉकर में नकदी (कैश) रखना मना है और यह गैरकानूनी है। इसके अलावा, कोई भी अवैध, गैरकानूनी, ज्वलनशील या खतरनाक वस्तु रखना भी मना है।

लॉकर का बीमा और अन्य सावधानियां

  • बीमा: बैंक लॉकर में रखे सामान का बीमा खुद नहीं करता है। यदि आपके पास बहुत कीमती सामान है, तो यह सलाह दी जाती है कि आप किसी बीमा कंपनी से उसका अलग से बीमा करवा लें।
  • दस्तावेज़: लॉकर में रखे सामान की एक सूची और उसकी अनुमानित कीमत का प्रमाण या फोटो अपने पास रखें।
  • चाबी: लॉकर की चाबी सुरक्षित रखें; खो जाने पर तुरंत बैंक को सूचित करें।
  • किराया: लॉकर का किराया समय पर जमा करें, अन्यथा लॉकर निष्क्रिय हो सकता है या बैंक उसे सील कर सकता है।
  • चेकिंग: समय-समय पर अपने लॉकर को जांचते रहें।

निष्कर्ष

बैंक लॉकर ग्राहकों को अपने कीमती सामान को सुरक्षित रखने का एक माध्यम प्रदान करते हैं, और बैंक की लापरवाही या सुरक्षा चूक के मामलों में मुआवजा भी मिलता है। हालांकि, यह मुआवजा राशि लॉकर के सालाना किराए के 100 गुना तक सीमित है और प्राकृतिक आपदाओं को इसमें शामिल नहीं किया गया है। नकदी और अवैध वस्तुओं को लॉकर में रखने की अनुमति नहीं है। इसलिए, लॉकर का उपयोग करने से पहले उसके नियमों, मुआवजे की सीमाओं और बीमा संबंधी जानकारी को अच्छी तरह समझना महत्वपूर्ण है। यदि सामान अत्यधिक कीमती है, तो उसका अलग से बीमा करवाना एक समझदारी भरा कदम है।

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