
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री: गलतियों से बचें और अपनी संपत्ति सुरक्षित करें
घर या जमीन खरीदना हर किसी का सपना होता है, और इसके लिए लोग अपनी पूरी जमा-पूंजी लगा देते हैं। Property Registration (प्रॉपर्टी रजिस्ट्री) वह कानूनी प्रक्रिया है जिसके द्वारा जमीन या मकान का मालिकाना हक औपचारिक रूप से खरीदार के नाम होता है। रजिस्ट्री के दिन की गई छोटी-छोटी गलतियां भविष्य में बड़ा नुकसान कर सकती हैं और संपत्ति पर आपके हक को खतरे में डाल सकती हैं। इसलिए, इस दिन विशेष सावधानी बरतना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
रजिस्ट्री से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
प्रक्रिया का नाम | प्रॉपर्टी रजिस्ट्री (Property Registration) |
मुख्य दस्तावेज | सेल डीड, पहचान पत्र, पते का प्रमाण |
रजिस्ट्री कहां होती है | सब-रजिस्ट्रार ऑफिस |
स्टांप ड्यूटी | प्रॉपर्टी के मूल्य पर सरकार द्वारा ली जाने वाली फीस |
गवाह | कम से कम 2 गवाह जरूरी |
रजिस्ट्री का महत्व | कानूनी रूप से मालिकाना हक मिलना |
रजिस्ट्री के दिन भूलकर भी न करें ये 5 बड़ी गलतियां:
1. प्रॉपर्टी डिटेल्स में गलती
- रजिस्ट्री के समय जमीन का एरिया, एड्रेस, खसरा नंबर, प्लॉट नंबर आदि सभी डिटेल्स का सही होना बहुत ज़रूरी है।
- सेल डीड का विवरण पुराने दस्तावेजों से पूरी तरह मिलान करना चाहिए।
- नाम की स्पेलिंग, एरिया, या गलत लोकेशन दर्ज होने से भविष्य में विवाद हो सकता है, जिसे सुधारने में समय और पैसा लगता है (रेक्टिफिकेशन डीड)।
2. खरीदार और विक्रेता की जानकारी में गड़बड़ी
- Seller और Buyer दोनों की व्यक्तिगत जानकारी (नाम, पता, आधार/पैन नंबर) सेल डीड में बिल्कुल सही और पहचान पत्रों से मेल खाती होनी चाहिए।
- पुराने सेल डीड से नाम-पता का मिलान अवश्य करें ताकि भविष्य में कोई कानूनी समस्या न आए।
3. ओरिजिनल डॉक्युमेंट्स की लिस्ट न लेना
- रजिस्ट्री के बाद सभी मूल दस्तावेजों की एक उचित लिस्ट लेना और उनकी रसीद प्राप्त करना बेहद महत्वपूर्ण है।
- बिना लिस्ट के जाने से कोई भी महत्वपूर्ण दस्तावेज गुम हो सकता है, जिससे भविष्य में बैंक लोन लेने या प्रॉपर्टी बेचने में दिक्कत आ सकती है।
4. स्टांप ड्यूटी या रजिस्ट्री फीस में गड़बड़ी
- स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस प्रॉपर्टी के बाजार मूल्य या सरकारी गाइडेंस वैल्यू पर आधारित होती है।
- कम स्टांप ड्यूटी देकर रजिस्ट्री करवाने की कोशिश करने पर बाद में जुर्माना या रजिस्ट्री रद्द होने जैसी कानूनी कार्रवाई हो सकती है। सही जानकारी लें और समय पर भुगतान करें।
5. डॉक्युमेंट्स की ठीक से जांच न करना
- रजिस्ट्री के समय डॉक्यूमेंट समरी रिपोर्ट और सेल डीड को जल्दबाजी में साइन करने से बचें।
- प्रत्येक शब्द, नाम, एरिया, लोकेशन आदि को ध्यान से पढ़ें और किसी भी गलती को तुरंत सुधरवाएं।
- दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से पहले किसी कानूनी विशेषज्ञ या वकील से जांच करवाना सुरक्षित होता है।
अन्य महत्वपूर्ण बातें जो रजिस्ट्री के दिन ध्यान रखें:
- सभी आवश्यक मूल दस्तावेज जैसे आधार, पैन, सेल डीड आदि साथ रखें।
- दो विश्वसनीय गवाहों का होना अनिवार्य है और उनके पहचान पत्र भी साथ रखें।
- यदि प्रॉपर्टी की कीमत 50 लाख रुपये से अधिक है, तो 1% TDS काटना अनिवार्य है।
- रजिस्ट्री के बाद सभी दस्तावेजों की रसीद लेना न भूलें।
- बैंक से लोन लिया है तो बैंक प्रतिनिधि को भी रजिस्ट्री प्रक्रिया में शामिल करें।
रजिस्ट्री के बाद गलती सुधारने का तरीका
यदि रजिस्ट्री के बाद भी किसी दस्तावेज में छोटी-मोटी गलती रह जाती है, तो उसे Rectification Deed (सुधार पत्र) के माध्यम से सुधारा जा सकता है। इसके लिए सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में आवेदन करना होता है और मामूली शुल्क देना होता है। हालांकि, पहली बार में ही सावधानी बरतना सबसे अच्छा है।
निष्कर्ष
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रक्रिया है। ऊपर बताई गई 5 बड़ी गलतियों से बचकर, हर दस्तावेज को ध्यान से पढ़कर, सभी फीस सही से जमा करके, विक्रेता-खरीदार की जानकारी सही दर्ज करके, और मूल दस्तावेजों की उचित सूची लेकर आप अपनी संपत्ति को सुरक्षित रख सकते हैं। यह सावधानी आपको भविष्य में किसी भी कानूनी परेशानी से बचाएगी और आपके मालिकाना हक को मजबूत करेगी।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सामान्य मार्गदर्शन के लिए है। प्रॉपर्टी रजिस्ट्री से संबंधित किसी भी संदेह या भ्रम की स्थिति में, हमेशा किसी अनुभवी वकील या कानूनी विशेषज्ञ से सलाह लें।